आज का अख़बार |
कुछ
नया ढूंढता हूँ
मैं ,आज की
इस नई सुबह
में ..
किस
ख़बर से बेख़बर
मैं आज ..
वो
खबर ढूंढता हूँ
मैं ........................ कुछ नया ढूंढता
हूँ मैं।
पन्ने
दर पन्ने पलट
रहा मैं बस
..बरबस ..मैं बेबस,
नजरे
ढूंढ रही वो
खबर जिससे मैं
बेखबर .......आज .. कुछ नया
ढूंढता हूँ मैं।
आस-पास के कौतुहल में वैसे सबकुछ शांत था ..
न जाने हर पन्ने पर मेरा मन अशांत था।
बेचैनी सी-घबराहट सी मन में गडमड मंजर था ..
उन पन्नो की कुछ खबरों पर खून भरा जो खंजर था।
कही सियासत ,कही दहशत और कही आपदा भारी थी ..
और कुछ वहशी-दरिंदो के बीच आज की नारी हारी थी।
अपने चश्मे के पीछे से आँखों को भीच रहा था मैं ..
बस आँखों के पानी से पलकों को सींच रहा था मैं ।
कुछ न कर पाने की कशमकश से जूझ रहा हूँ मैं ..
आज फिर इस अख़बार में कुछ नया ढूंढ रहा हूँ मैं।
एक उम्मीद है उस उम्मीद से कही कोई उम्मीद दिखेगी ..
उजली सी कही कोई एक नयी तस्वीर दिखेगी।
चमकेगा ये देश भी हर कही मुस्कराहट बिखरेगी ..
कई सोच में इस सोच को कही तो जगह मिलेगी।
पढ़कर मैं भी
मुस्कुराऊंगा कभी .. और
कभी तो मेरी
उम्मीद वाली... ..वो
खबर छपेगी ...
कभी तो मेरी
उम्मीद वाली .....वो
खबर छपेगी।
कुछ नया ढूंढता
हूँ मैं ,हर
दिन की एक
नई सुबह में
..
किस
ख़बर से बेख़बर
मैं हर दिन
..
वो
खबर ढूंढता हूँ
मैं .......... कुछ नया ढूंढता
हूँ मैं।
.. कुछ नया
ढूंढता हूँ मैं।
..
कुछ नया ढूंढता
हूँ मैं।
...
.खोज कीजिये
अपने अन्दर कुछ
नये की ..मिलेगा
जरुर मिलेगा।
All the Best To All My Friends...........
written By - RitesH NischaL
भाई बहुत बहतरीन मजा आगया दिल को छुगाया
ReplyDeleteThanxxx A Lot Mere bhai. All The Best 2 u.
ReplyDeleteखोज कीजिये अपने अन्दर कुछ नये की ..मिलेगा जरुर मिलेगा
ReplyDelete...बिलकुल सच है