Saturday, August 10, 2013

मेरे खुद को लिए- Happy Daughter's Day....

कोई शब्द नहीं …कोई बात नहीं …कोई वजह नहीं…कोई ज़ज्बात नहीं
बस उस बच्चे की प्यार भरी आँखों ऩे ,एक अनोखा रिश्ता बना दिया,
जिस रिश्ते का कोई नाम नहीं ….जिसका कोई मुकाम नहीं।,,
बस उस रिश्ते में बसा ढेर सारा प्यार और अपनापन,
 
 
मैं पिता नहीं बस उसने , वैसा अहसास दिलाया।
वो मेरी बेटी नहीं पर उसने मुझसे दुलार पाया ,
 
उसकी ढेर सारी फ़िक्र और
अब हर बात में उसका जिक्र।
 
 
बस ये दिन मेरे लिए वक़्त से पहले जरुरी हो गया,
Daughter's Day..............
किस्मत और वक़्त ने उसे कुछ ऐसे मुकाम पर लाकर खड़ा किया। ….
जहाँ वो अपने परिवार के साथ एक नई लड़ाई के लिए तैयार हैं। …
.
उसे पहले भी दुनिया की फिक्र नहीं थी ….
और आज भी नहीं है,
 
 
जब मैं उससे पहली बार मिला,
तब एक मजबूत ज़ज्बात … कुछ कर गुजरने का,
और अपने आसमा में.…. खुलकर उड़ने का ,
उसका सपना, उसकी सोच उसके अन्दर का वो तूफ़ान,
आज भी उसमे है और वो हमेशा रहेगा।
 
वो कभी थमेगी नहीं वो कभी रुकेगी नहीं। ……
वक़्त उसे हमेशा आज़माने को तैयार है और वो आज़माइश को.।
कड़ी चुनौती और बेपरवाह परेशानियां ,
 
वक़्त बेवक्त हर वक़्त वो तैयार हैं.…
 
परखा है मैंने उसे हर मौसम में ,
देखा है मैंने उसे हर दौर..
 
ज़िद्दी बहुत है वो हार नहीं मानेगी। ….
भले वक़्त और हालात जीत जायें। … 
पर वो हथियार नहीं डालेगी। ….
 
मेरी उस ईश्वर से सदा ये इच्छा रही है
अगर हो तो ऐसी हो बेटी मेरी …।
 
उस ईश्वर ने बेटी स्वरुप मुझे उपहार मेंउसका प्रतिरूप दिया। …….
मैं उस ईश्वर का कोटि कोटि धन्यवाद करता हूँ।
 
वो आज मेरे आस-पास है इसलिए किसी को नहीं खुद को लिए -
 
 
Happy Daughter's Day....
और उस बच्चे को …. Thanks For Come To My Life.




                                                                                              By-Ritesh Nischhal